माँँ - मेरी प्रेरणा
माँ मेरी बहुत प्यारी,
डांट लगाए ढेर सारी,
प्यार करे बहुत सारी,
माँँ मेरी बहुत प्यारी,
कभी बोले चुप है क्यों बात कर,
कभी बोले कितना बात करती है, चुप रह।
कभी बोले सो रही है कितना, काम है कर,
कभी बोले कितना काम करती है तोडा़ सो ले।
बचपन में आता था गुस्सा क्यों नहीं सूनती मुझे,
पर अब लगता है मैं भी तो नहीं सूनती।
बचपन में लगता था कितनी बेदर्द हे नहीं है दया,
पर अब एहसास है मैं भी हूँ बेदर्द नहीं है दया।
सूना है, माँ मैं रहते है भगवान,
देखा है, अपनी माँ मैं भगवान।
जब प्यार करे लगे पार्वती,
जब गुस्सा करे लगे दुर्गा,
जब उपदेश दे लगे कृष्णा,
और जब सर पर हाथ फेरे लगे मेरी प्यारी माँ।
खूब जीए तू, साथ रहे तू,
तू है तो सब है माँ,
तू है तो दूनिया जीत सकती हूँ,
तू है मेरी प्यारी माँ,

